User:Snypunia/sandbox/IGNOU BSOS 184 Free Assignment In Hindi 2022

From Wikipedia, the free encyclopedia

BSOS 184 Free Assignment In Hindi 2022[edit]

1 समाजशास्त्रीय फिल्म निर्माण (sociological filmmaking) के आयामों की संक्षेप में चर्चा कीजिए।[edit]

उत्तर- दृश्य चाहे कोई चित्रित छवि या फिल्म हो, वह एक महत्त्वपूर्ण माध्यम होता है किसी सभ्यता या संस्कृति को समझने का | एक छवि हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन का अभिलेख होती है।

इनसे हमें एक ऐसी भाषा मिलती है जो सांस्कृतिक, प्रजातीय, सामाजिक और भाषाई बाधाओं से आगे बढ़कर जाती है। कोई फिल्म एक लोकप्रिय मुख्यधारा से संबंधित या उसकी विशेषता वाली सिनेकला या एक वृत्तचित्र या एक नविज्ञान फिल्म हो सकती है।

फिल्मों की सभी शैलियों और उसकी रचना-पद्धतियों से हमें किसी समाज और उसकी संस्कृति को समझने में मदद मिलती है। _

एक नृवंशविज्ञानी फिल्म को समझने के प्रारंभिक रूप के रूप में हम कह सकते हैं कि यह एक अकाल्पनिक फिल्म है।

नृविज्ञान फिल्में दृश्य एवं मानव संबंधी विज्ञानियों और समाजशास्त्रियों के बीच प्रमुख परंपरा और प्रथा होती हैं। यह सभ्यताओं और समाजों का एक प्रामाणिक वृत्तांत माना जाता है।

(1) नृविज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता क्यों?-समाजशास्त्र और नृविज्ञान में नृवंशविज्ञान एक ऐसी अनुसंधान एवं शोध तकनीक है जिसके द्वारा लंबे समय तक मानव व्यवहार का विस्तृत विवरण और विश्लेषण किया जाता है। BSOS 184 Free Assignment In Hindi

नृवंशविज्ञान विधि क्षेत्र कार्य (Field Work) पर आधारित होती है। यह एक समाजशास्त्रीय पद्धति होती है जिससे यह पता चलता है कि लोग किस प्रकार जीवन व्यतीत करते हैं

और एक विशेष स्थान पर एक-दूसरे के साथ अपने जीवन के अर्थ पूर्ण कैसे बनाते हैं। उनके प्रतिदिन के संवाद, उनके सामाजिक संगठन और भौतिक स्थानों की सामाजिक संरचना आदि जैसी अन्य चीजों के माध्यम से लोगों के जीवन को समझने पर ध्यान दिया जाता है।

आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए निकट भविष्य में शोधकर्ता साक्षात्कार विधि, प्रतिभागी अवलोकन, गैर–प्रतिभागी अवलोकन, प्रश्नावली जैसी विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं।

(2) एक फिल्म और एक नृजातीय पाठ्य का निर्माण कैसे होता है?-परंपरागत रूप से, समाजशास्त्र और नृविज्ञान द्वारा इस तथ्य पर जोर दिया जाता है कि किसी भी सभ्यता या समाज और इसके सामाजिक जीवन के बारे में बताने के लिए लिखित शब्दों पर भरोसा किया जा सकता है।

समाजशास्त्र और मानवविज्ञान समाजों की जाँच करने के लिए कुछ तकनीकों का पालन किया जाता है। ये तकनीकें विविध और अलग-अलग प्रकार की होती हैं और इसमें अवलोकन-सहभागी और गैर-प्रतिभागी, फोकस समूह चर्चा आदि जैसी तकनीकों को शामिल किया जाता हैं।


जब हम कोई आँकड़े (Data) इकट्ठा करते हैं तो यह एक प्रारूप में न होकर अपरिष्कृत एवं अव्यवस्थि रूप में होता है और अक्सर क्षेत्र में एकत्रित टिप्पणियों के लिए निर्दिष्ट व उल्लेखित किया जाता है,

(your article name) is... (description)

References[edit]

External links[edit]