Jump to content

User:Nikhil Nehete

From Wikipedia, the free encyclopedia

मंजिल क्या है, रास्ता क्या है, सुनो सफ़र की दास्ताँ क्या है...

मैं अकेला ही चलता रहा, यादों के आगे काफिला क्या हैं...

ये पत्थर, ये मूरत,ये खुदा क्या है, कभी हमसे मिलो तो जानो वफा क्या है...

तू गैर की हो गई ज़रा भी रंज नहीं, इश्क़ का हुस्न से मुकाबला क्या है...

यूँ ही खामोश रहते हो सदा, जिंदगी से कोई फैसला क्या है...

तेरे दिल के कोने में जगह मिल जाये, फिर ये गली ये मोहल्ला क्या है...

यादों की भीड़ में गुम हो जाता हूँ, की तन्हाई के आगे मेला क्या है...

मौत के आगोश में मोहब्बत हैं मेरी, जिंदगी से बढ़कर बेवफ़ा क्या है...