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User:Pawanparihar007

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DIL KI BAAT

 शायद कुछ पल ऐसे ही कट जाते तो अच्छा होता अपनी इस कायरता से मैं  मर जाता तो अच्छा होता

शायद खुद में खुद को ही ढूंढ रहा हूं मैं अपने मन की विसंगतियों से जूझ रहा हूं मैं शायद कोई पास नहीं है मुझको कोई आस नहीं है शायद यह हो जाता तो शायद वह हो जाता तो शायद शायद करते-करते शायद ही हो गया हूं शायद अपने अंतर्मन मैं खो गया हूं.